
समाज में हो रहे, कुकृत्यों और अन्याय का संज्ञान, जब स्वामी सुरेन्द्र नाथ जी जैसे जागृत पुरुष लेते हैं, तो लोगों की उदासीनता जागरूकता में परिवर्तित हो जाती है, आज 8 महीने बाद कोर्ट का फैसला आया है। अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) अनिल कुमार बारा ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। घटना 19 अक्टूबर 2024 की है, इस घटना की खबर लगते ही स्वमी जी विचलित हो गए थे, मीडिया में बयान देखर अपना विरोध दर्ज कराया, और 21 अक्टूबर की शाम कैंडल मार्च निकाला गया। जिसमें भारी संख्या में क्षेत्र के सभी गणमान्य नागरिकों ने उपस्थित होकर इस घटना के प्रति अपने संवेदनशीलता का परिचय दिया।
स्वामी सुरेंद नाथ ने पीड़त बच्ची के इलाज के लिए एक लाख रुपये प्रदान किया, स्वामी जी कहा था, कि कैंडल मार्च निकालने का उद्देश्य, शासन-प्रशासन को समाज के आक्रोश से अवगत कराना है, जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ कर सजा दिलाने की अपील करना ताकि उस बच्ची को न्याय मिल सके, और समाज मे कड़ा संदेश दिया जा सके, कि दुबारा कोई भी इस तरह का कुकृत्य करने की हिम्मत न कर सके। आज 8 महीने बाद कोर्ट द्वारा आरोपी को दिए उम्र कैद की सजा से, न सिर्फ पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाया बल्कि एक कड़ा संदेश भी दिया है, कि कोई ऐसा निकृष्टतम कृत्य करने की हिम्मत न करे। इस भ्रष्ट होते समाज में जागरूक नागरिक की भूमिका निभाना सबसे बड़ा पुण्य कर्म है।