नई तकनीक अपनाएं किसान, चार गुना बढे़गा प्रोडक्शन, कृषि कार्यक्रम में बोले सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों को प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाना चाहिए. लखनऊ में आयोजित कृषि भारत 2024 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि,’हमारा ध्यान उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने पर होना चाहिए. देश में कई कृषि-जलवायु क्षेत्रों को देखते हुए, प्रत्येक राज्य अलग अनुभव लाता है. हम एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं ।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक योगी सरकार ने चार दिवसीय कृषि और तकनीकी कार्यक्रम में किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती को बिजनेस के साथ इंटीग्रेट करने और आधुनिक तकनीक को नियोजित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया । कृषि भारत 2024 कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने गामा रेडिशन प्लांट के बारे में जानकारी ली.उन्होंने जाना कि कैसे खाद्यान्न और फल बिना किसी कोल्ड स्टोरेज के 6 महीने से अधिक समय तक सुरक्षित रहेंगे.
कृषि मंत्री ने बताया कि पीओसीटी ग्रुप ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 में किये गये 500 करोड़ के एमओयू के आधार पर प्रथम चरण में 200 करोड़ का निवेश करते हुए लखनऊ में गामा रेडियेशन प्लान्ट की स्थापना की है. जल्दी ही इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे । मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि राज्य में भारत की आबादी का 17 प्रतिशत (25 करोड़) और देश की खेती योग्य भूमि का केवल 11 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन यह कुल कृषि उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान देता है.
उन्होंने कहा, यह उपलब्धि राज्य के प्रचुर जल संसाधनों और उपजाऊ भूमि को दर्शाती है और इसका उपयोग प्रोडक्शन को तीन से चार गुना बढ़ाने के लिए किया जा सकता है. योगी ने कृषि लागत कैमिकल फर्टिलाइजर पर डिपेंडेंसी को कम करने और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों से रिप्लेस करनी की आवश्यकता पर भी जोर दिया. कार्यक्रम से पहले, सीएम ने नीदरलैंड के कृषि उप मंत्री जान-कीस गोएट और भारत में राजदूत मारिसा जेरार्ड्स के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और देश के साथ दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. एक-एक समझौता सरकार-से-सरकार और व्यवसाय-से-व्यवसाय सहयोग का था.
बयान में कहा गया है कि इस आयोजन के लिए सीआईआई के साथ साझेदारी करते हुए, नीदरलैंड एक आधिकारिक भागीदार देश है, जबकि कृषि विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, युगांडा, स्पेन और यूके जैसे देश भी भाग ले रहे हैं. इधर, गोएट ने कहा, भारत का कृषि क्षेत्र उपलब्धियों और अपार संभावनाओं से भरा है, जिसमें भाग लेना हमारे लिए गर्व की बात है. दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन सहित कई चुनौतियां हैं जिनके समाधान की आवश्यकता है. हम अपनी विशेषज्ञता भी साझा कर रहे हैं और भारत के अनुभव से बहुत कुछ सीख रहे हैं।