यूपी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में 1.60 लाख भर्तियां कीं, योगी आदित्यनाथ ने उपलब्धियों का किया बखान

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यूपी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में 1.60 लाख भर्तियां कीं, योगी आदित्यनाथ ने उपलब्धियों का किया बखान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शिक्षा क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। 
आदित्यनाथ ने कहा, हमारी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में 1.60 लाख से अधिक भर्तियां सफलतापूर्वक की हैं। सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा और पंकज पटेल द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके मुद्दों के महत्व और संवेदनशीलता को स्वीकार किया, लेकिन सदस्यों से सदन की मर्यादा बनाए रखते हुए तथ्य प्रस्तुत करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक और चिकित्सा शिक्षा सहित शिक्षा क्षेत्र में भर्ती को सुव्यवस्थित करने के लिए एक नया चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, आयोग विभिन्न विभागों से अधियाचन प्राप्त करके भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। हमारी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में 1.60 लाख से अधिक भर्तियां सफलतापूर्वक की हैं जो पद पिछली सरकार के कुप्रबंधन और गलत इरादों के कारण खाली रह गए थे।

सीएम ने कहा, 2017 से पहले यूपी लोक सेवा आयोग की स्थिति से लोग वाकिफ हैं। एसडीएम के 86 पदों में से 56 पर एक ही जाति के लोग थे। आयोग कार्यालय के बाहर युवाओं ने महीनों तक धरना दिया था। सीएम ने कहा कि एक अयोग्य व्यक्ति को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसकी डिग्री फर्जी थी और जो पद के लिए अयोग्य था। उसके पास व्याख्याता बनने की योग्यता नहीं थी, उसके पास फर्जी हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र और थर्ड डिवीजन के साथ स्नातक की डिग्री थी, फिर भी उसे आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिससे पूरे संगठन और उसके युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, पिछले सत्र में हमारी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा और अनुचित साधन निवारण अधिनियम, 2024 पारित किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले 68,500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन उस समय एनसीटीई ने बीएड उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए योग्य नहीं माना था और बीटीसी उत्तीर्ण उम्मीदवार भी पर्याप्त नहीं थे। नतीजतन, केवल 42,000 शिक्षकों की भर्ती हुई और वे अभी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 69,000 शिक्षकों की भर्ती में पिछड़ी जातियों के लिए 27 प्रतिशत कोटे के तहत आरक्षित 18,000 पदों के मुकाबले पिछड़ी जातियों के 32,200 से अधिक युवाओं को नियुक्त किया गया। इसी तरह अनुसूचित जातियों के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण के तहत आरक्षित 12,000 पदों के मुकाबले 14,000 से अधिक उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा, इससे साफ पता चलता है कि अपनी योग्यता के आधार पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों को भी सामान्य श्रेणी में रखा गया है। सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित 34,500 पदों में से केवल 20,000 उम्मीदवारों की ही भर्ती की गई। ये तथ्य उन लोगों के लिए आंखें खोलने वाले हैं जो राजनीतिक लाभ के लिए समाज में विभाजन पैदा करने का प्रयास करते हैं।

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