
बूंदी, राजस्थान । इंदरगढ़ क्षेत्र मे सड़को का हाल बेहाल प्रदेश सरकार को शहरों और गांवों में सड़कों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जर्जर होती सड़कों के गड्ढे हादसों का कारण बनते जा रहे है, इन हादसों में किसी की जान चली जाती है तो कुछ जीवनभर के लिए दिव्यांग हो जाते हैं। स्टेट – हाइवें ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। प्रदेश के अधिकतर जिले में सड़कों की बदहाली को लेकर धरना प्रदर्शन होते आ रहे है। पिछले दस सालों में सड़कों की मरम्मत के लिए गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं।
सरकार को टोल और नेशनल हाइवे को लेकर विकास के गीत गा रही है पर यह सरकार प्रदेश की सड़कों, संपर्क मार्ग और स्टेट हाइवे को लेकर मौन साधे हुए है। लिंक रोड की हालात किसी से छिपी नहीं हैं, ऐसे कई राज्य मार्ग और संपर्क मार्ग है जिनकी दस सालों में मरम्मत तक नहीं की गई है। एक दौर था तक गांवों में सड़कों का जाल बिछा हुआ था। राज्य सरकार ने केवल और केवल नेशनल हाइवे की ओर ध्यान दिया, पर वहां पर टोल स्थापित की वाहन चालकों की जेब पर डाका डाला रहा है, हर वर्ष टोल के रेट बढ़ा दिए जाते हैं।
प्रदेश की सरकार संपर्क मार्ग, स्टेट हाइवे और गांवों तक जाने वाली सड़कों की ओर ध्यान ही नहीं दे रही है। हर जिला में गांवों तक जाने वाले मार्ग जर्जर हो चुके है। वाहन हिचकोले खाकर चलते है। सड़कों पर हुए गहरे गड्ढे हादसों का सबक बने हुए है। सरकार सब कुछ जानकर भी मौन साधे हुए हैं। लालसोट मेगा हाइवे पर जगह जगह जर्जर हों रहा हैं लूनापा से सुमेरगंज मंडी तक पूरा जर्जर हों रहा हैं भाण्ड गवार गोहटा जाने वाली सड़क जर्जर हो गई है। इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। जर्जर सड़क पर वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी दुश्वार बना हुआ है। लोगों की शिकायतों पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
शहर की जर्जर सड़के अपनी दास्तां खुद बयान करती है। सड़क जर्जर हो चुकी है। ये सड़क जगह-जगह टूटकर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। हादसे का खतरा भी बढ़ गया है। शहरों से गांवों की ओर जाने वाली अधिकतर सड़कें की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश में बिछा सड़कों का जाल और उनकी बेहतर स्थिति उस प्रदेश का खुशहाली की दास्तां बयान करती है। प्रदेश की सरकार को जर्जर हो चुकी और होती जा रही सड़कों की ओर ध्यान देना चाहिए।
रिपोर्ट- महावीर सुमन, बूंदी, राजस्थान ।