मुख्यमंत्री योगी बोले- अब बिना सिफारिश के मिल रही नौकरी, नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे

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मुख्यमंत्री योगी बोले- अब बिना सिफारिश के मिल रही नौकरी, नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश-दुनिया की चिंता का सबसे बड़ा विषय जलवायु परिवर्तन है। अनियंत्रित व अनियोजित विकास मानवता के सामने संकट खड़ा कर चुका है। असमय बारिश, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि हो रही है। एक ही समय पर कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ आई है। कहीं अतिवृष्टि तो कहीं लोग एक बूंद जल के लिए तरस रहे हैं। दोनों नुकसानदायी है। आज हम सब जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के भुक्तभोगी हैं। नवनियुक्त वन व वन्य जीव रक्षक यदि ईमानदारी से कार्य करेंगे तो जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव कम करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों व 41 अवर अभियंताओं को मंगलवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किया। सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा के बाद फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक वर्ष लग जाता था,  लेकिन बिना विलंब किए नई प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने आपको छह महीने/एक वर्ष से पहले नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक कहीं भी सिफारिश व लेनदेन की नौबत नहीं आई। आपको नहीं लगा होगा कि कुछ लोग परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सरकार भी आपसे ऐसे ही ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की उम्मीद करती है।

सीएम योगी ने कहा कि साढ़े सात वर्ष में सरकार ने कुछ कार्यक्रम आगे बढ़ाए। जलवायु परिवर्तन के सामने सबसे बड़ा चैलेंज घटते जंगलों, वनाच्छादन, अनियंत्रित, अनियोजित विकास, प्लास्टिक का बेतरतीब उपयोग है। ऐसी वस्तुओं का उपयोग पर्यावरण के लिए घातक हो सकता है। इन पर लगाम लगाने के बावजूद किसी न किसी स्तर पर इसका दुरुपयोग होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में किसी भी सीजन में जंगलों के बीच से धुआं उठाई देता है। जंगल जलेंगे तो पर्यावरण को नुकसान व भूस्खलन होगा। असमय जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों का सामना न केवल वन्यजीवों, बल्कि मानवों को भी करना पड़ेगा। वन के दायरे कम होने के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की नौबत आती है।

सीएम योगी ने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतने से कोई नौजवान के भविष्य से खिलवाड़ का दुस्साहस नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य किया है। सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम-2024 को लागू किया है। इसमें नकल माफिया, सॉल्वर गैंग या पेपर लीक जैसी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। परीक्षा की शुचिता पर आंच न आए,  इसके लिए एआई का उपयोग किया है। रिक्गनीजिशन के बायोमीट्रिक सिस्टम का बेहतरीन उपयोग किया है। परीक्षा के हर सेंटर पर परीक्षक व अभ्यर्थी को लखनऊ में बैठकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मॉनीटर कर सकते हैं।

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