एएनआरएफ की बैठक में बोले पीएम मोदी- अनुसंधान के क्षेत्र में मौजूद समस्याओं को पहचानने और दूर करने की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की पहली बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने अनुसंधान के क्षेत्र में मौजूद समस्याओं को पहचानने और उन्हें हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय (भारतीय) दृष्टिकोण जरूरी है।
पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, बैठक में प्रधानमंत्री ने एक डैशबोर्ड बनाने की बात भी की, जिससे देश में हो रहे अनुसंधान और विकास की जानकारी आसानी से ट्रैक की जा सके। इस बैठक का फोकस भारत के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों पर था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एएनआरएफ की पहली बैठक के साथ एक नई शुरुआत हुई है। उन्होंने अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में मौजूद समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बड़े लक्ष्य तय करने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने अनुसंधान में मौजूदा समस्याओं के नए समाधान ढूंढने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्याएं वैश्विक हो सकती हैं, लेकिन समाधान भारतीय जरूरतों के मुताबिक ही होने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने संस्थानों को बेहतर बनाने और मानकीकरण की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों की सही तरीके से निगरानी करने की बात की। उन्होंने अटल टिंकरिंग लैब्स के सकारात्मक प्रभावों की भी सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने जलवायु परिवर्तन, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी सामग्री और लैब में डायमंड बनाने जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान पर भी चर्चा की। बैठक में यह भी तय किया गया कि एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसे हब और स्पोक मोड कहा जाएगा। इसमें छोटे और नए अनुसंधान संस्थानों को बड़े और अनुभवी संस्थानों के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि वे मदद और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।
एएनआरएफ ने इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर सेल, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, टिकाऊ कृषि जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान की योजना बनाई है।बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान) और विभिन्न विभागों के सचिव शामिल हुए। इस बैठक में भारत के अनुसंधान और विकास को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।