
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में कहा कि ड्रग्स, डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ड्रोन देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। शाह ने स्पष्ट किया कि भारत ड्रग्स तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
गृहमंत्री ने बताया कि सरकार ने मादक पदार्थों से जुड़े कई नेटवर्क और उनके आतंकवादी गठजोड़ को खत्म करने में सफलता पाई है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में नार्को-आतंकवाद के कई मामलों का खुलासा हुआ है। यह सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। अमित शाह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में मादक पदार्थों की जब्ती सात गुना बढ़ गई है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ड्रग्स मुक्त भारत की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
2024 में देशभर में 16,914 करोड़ के मादक पदार्थ जब्त किए गए। 25 जनवरी तक चलने वाले अभियान में 8,600 करोड़ मूल्य के एक लाख किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किए जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि केंद्र और राज्यों को मिलकर इस समस्या का समाधान तकनीकी और सहयोगी प्रयासों से करना होगा। गृहमंत्री ने कहा कि ड्रग्स के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। उन्होंने सभी एजेंसियों को आपसी समन्वय बढ़ाने और एक मजबूत राष्ट्रीय नीति बनाने पर जोर दिया।
इस सम्मेलन में उत्तर भारत के आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। इसका मकसद मादक पदार्थ तस्करी की बढ़ती समस्या और इसके राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव को कम करना है। गृहमंत्री ने बताया कि सरकार की तीन-आयामी रणनीति (संस्थागत ढांचा मजबूत करना, समन्वय बढ़ाना और जागरूकता अभियान) के तहत 2047 तक नशा मुक्त भारत का लक्ष्य रखा गया है। अमित शाह ने कहा- नशे की लत से ग्रस्त युवा देश को आगे नहीं बढ़ा सकते। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम मिलकर ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई को जीतें और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें।