
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम में कांग्रेस सरकार के तहत अपनी गिरफ्तारी और कथित शारीरिक उत्पीड़न को याद किया, जब वे एक छात्र के रूप में विरोध कर रहे थे. शाह ने कहा कि हितेश्वर सैकिया के असम के मुख्यमंत्री रहने के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विरोध करने पर उन्हें सात दिनों के लिए जेल में रखा गया और कठोर सजा का सामना करना पड़ा ।
शाह ने डेरगांव में लचित बरफुकन पुलिस अकादमी के उद्घाटन के दौरान बताया, “मुझे भी असम में कांग्रेस सरकार द्वारा पीटा गया था. सैकिया असम के मुख्यमंत्री थे और हम पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाते थे… असम की गलियां सूनी है, इंदिरा गांधी ढुली हैं… हमने डंडे खाए, मैंने भी असम की जेल का खाना सात दिनों तक खाया. सैकिया ने 1983 से 1985 और 1991 से 1996 तक असम के मुख्यमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए थे ।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने असम में शांति कायम नहीं होने दी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे बहाल किया, बुनियादी ढांचे का विकास किया और पूर्वोत्तर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित किया. उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्षों के दौरान असम में 10,000 से अधिक युवा हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और राज्य में शांति लौट आई है ।
शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार असम में हाल ही में आयोजित व्यावसायिक सम्मेलन में प्रस्तावित पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश के अलावा तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लाएगी. गृह मंत्री ने कहा, असम में पुलिस पहले आतंकवादियों से लड़ने के लिए थी, लेकिन अब यह लोगों की मदद के लिए है और इसके कारण पिछले तीन वर्षों में दोषसिद्धि दर पांच प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई है. यह जल्द ही राष्ट्रीय औसत को पार कर जाएगी ।